तुम्हारे सामने मेरा गिड़गिड़ाना

वे सब वहाँ से आते हैं,

हमारे माँ और पिता दोस्तों,

किन्हीं अन्दरूनी दुखों से उठते हुए

या बचपन के किसी पकवान की सुगन्ध से

और जब मैं जल रहा हूँ,

मैं जानता हूँ माँ

कि तुम भी मेरे साथ जल जाना चाहती हो

क्योंकि बचा तो नहीं सकता मुझे कोई।


यह एक चीत्कार की तरह है

कि प्यार भी गर्म सलाखों की तरह

घुसेड़ा जाए आपकी आँखों में

और जो आपको बहुत प्यार करने का दावा करते हैं,

अनसुलझी चुप्पियों में गुमसुम बैठे रहें।


तुम्हारे सामने मेरा गिड़गिड़ाना सुनो,

मेरे भगवान हो जाने जैसा है।

किसी दिन हम साथ में जा रहे होंगे कहीं

और दुर्घटना होगी, बम फूटेगा, मैं मरूँगा अकेले।



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8 पाठकों का कहना है :

neera said...

कड़वा और नंगा सच
आँखों को चुभ
गले में अटक ..

सागर said...

परसों से आपकी याद आ रही थी और आज सुबह स्वप्न भी आया था...
बूट पालिश वाला आलेख पसंद आया... शुक्रिया...

यहाँ हकीकत का एक अलहदा ही अंदाज़ मिलता है... जो एक सच्चाई भी है...

कुश said...

सागरिया वो बोल गया जो मुझे बोलना था..

अपूर्व said...

अपनी तमाम खूबसूरतियों और वैचारिक परिपक्वता के बावजूद आपकी रचनाएं पिछले कुछ समय से एक डीप-डिप्रेसिंग ब्लैकहोल की ओर अग्रसर सी प्रतीत होती जा रही हैं मुझे..कोशिश करें कि व्यक्तिगत जीवन आपके कृतित्व का आइना न बने..ऐसी ही शुभकामनाएं हैं हमारी..

डॉ .अनुराग said...

कुछ मूड बदला सा है इस बार ......

Anonymous said...

प्रिय गौरव सोलंकी...समर्थ और प्रतिभावान कवि के भीतर के जितने गहरे अवसाद से कविता फूटती है उतनी ही सुन्दर होती है ...लेकिन यह सौन्दर्य बड़ा घातक होता है ..विषकन्या या कीलक mantr जैसा ... इसी अवसाद के चलते अभी पिछले माह मैंने ३२ साल का गबरू जवान बेटा खोया है .. मैं नहीं चाहता कोई अन्य ऐसा खतरनाक प्रयोग करे जिससे होने वाली हानी की कभी कोई भरपाई न हो सके ... आपकी प्रतिभा का दिल से कायल हूँ लेकिन avsad mukt प्रतिभा बहुत कुछ सार्थक भी कर सकती है ... थोड़े लिखे को अधिक जानें

Anonymous said...

jindgi mein kuchh bhi nahin jindgi jaisa ... jindgi mool hai shesh sab bonus hai..bonus ke liye mool nahi choda jata bachey...bevkoof mat bano apne chintan ko dharre par lao ... bgawat karo ghar se bhag jao sadhu ban jao ya khul ke ayyashi karo lekin jindgi mat haro

abcd said...

albert pinto ko gussa kyon aata hai...:-)